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I Don't Like Anything Now

हजारों ख़्वाहिशें, हमने तोलकर देखीं,

मगर तुम्हे पाने की चाहत, उन सब से भारी है…।

भाता नही कुछ भी अब,

तुम बिन जीना भारी है।

तुम्हारी एक झलक देखने को हमने,

सारी ज़िन्दगी गुज़ारी है।

अपने कर्मों द्वारा गुरु गीतानन्द,

तुम्हे पाने की कोशिश अब भी जारी है।

तुमसे मिलने की आस में,

बैठा हूँ कब से,

ये दुनिया हँसी उड़ा रही है।

मैं तो तुम्हारा हो गया अब,

चाहे तुम आओ या ना आओ,

ये मर्ज़ी तुम्हारी है।

ॐ श्री गुरु गीतानन्दाय नमः।

ॐ श्री कृष्णाय नमः।।

हरि ओम।।

I have weighed thousands of desires,

But the desire to get you is heavier than all of them…

I don’t like anything now,

Living without you is heavy.

I have to see a glimpse of you,

I have spent my whole life.

Guru Geetananda by his deeds,

Still trying to get you.

In the hope of meeting you,

I have been sitting since long,

This world is making me laugh.

I have become yours now,

Whether you come or not,

This is your wish.

Om Shri Guru Gitanandaya Namah.

Om Shri Krishna Namah. ।

Hari Om. ।