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Just Think

जरा सोचिए –

हमने कितने पेड़ काट के, धरती माँ की गोद उजाड़ी है।

मारकर जीवों को उनकी, गर्दन उतारी है।

काम क्रोध मद लोभ मोह की, छाई खुमारी है।

कलियुग के आगे, फिर मानवता हारी है।

खबर है कि दुनिया में फैली महामारी है,

इसमें हमारे गुनाहों की भी हिस्सेदारी है।

इंतज़ार है ईश्वर को हमारी जवाबदेही का,

नेकियों से खाली, आज झोली हमारी है।

उठो जागो बदल दो, अच्छाई से कलियुग को,

वरना आगे का समय और भी विनाशकारी है।।

अवगुण हटाएँ, सद्गुण अपनाएँ।

आओ मिलकर, सतयुग बनाएँ।।

आप सभी अपने शारीरिक एवं मानसिक अवगुणों का त्याग रूपी दान देकर, एक अच्छे इन्सान बनकर, अपने अच्छे कार्यों द्वारा सतयुग के प्रारम्भ करने के लिए आमंत्रित हैं।

शुभेच्छु

-ब्रह्मऋषि गीतानन्द आश्रम-

 

Just think –

How many trees have we cut, Mother Earth’s lap has been destroyed.

By killing the creatures, they have removed their neck.

Work is of anger, greed and greed, it’s a hangover.

In front of Kaliyug, humanity has lost again.

It is news that there is a epidemic spreading in the world,

It also has a share of our crimes.

God is waiting for our accountability,

Empty from good deeds, today the bag is ours.

Wake up, wake up and change the Kaliyug with goodness.

Otherwise the time ahead is even more devastating. ।

Remove demerits, adopt virtues.

Come together, make Satyug. ।

All of you are invited to start the Satyug with your good deeds by giving the sacrifice of your physical and mental demerits.

Good luck

– Brahma Rishi Geetananda Ashram –