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Special on The Occasion of Basant Panchami Tuesday, 16 2021

बसन्त पंचमी के अवसर पर विशेष

सद्गुरु ब्रह्मऋषि गीतानन्द वचन

28जनवरी1971 को

गुरु भगवान ब्रह्मऋषि गीतानन्द जी ने अपने शिष्यों को बुलाया और कहा:-

अब मैं शीघ्र ही समाधिस्त हो जाऊँगा, लेकिन सूक्ष्म शरीर द्वारा हमेशा मौजूद रहूँगा और मिलने वाले को अवश्य ही मिलूँगा अर्थात जिसकी जैसी श्रद्धा है उसे उसी रूप में मिलूँगा।

इसके अतिरिक्त जिसकी भी सच्ची श्रद्धा भक्ति होगी उसे उसका मनवांछित फल भी अवश्य ही मिलेगा। इसमें कोई सन्देह नहीं।

हमें भीड़ की आवश्यकता नहीं है चाहे आश्रम में एक ही भक्त आये पर वह श्रद्धा भक्ति सम्पन्न होने चाहिए।

जहाँ भक्त जन पग धरे तहाँ धरूँ मैं हाथ।

लागो लारो ही फिरूँ, कबहुँ न छोड़ूँ साथ।।

और इस प्रकार 29 जनवरी 1971 को सर्वत्र ज्ञान, वैराग्य, भक्ति, योग, एश्वर्य, सुख शांति और मनवांछित फल रूपी परमार्थ की वर्षा करते हुए गुरु भगवान ब्रह्मऋषि गीतानन्द जी सांय 5:30 बजे योग समाधि द्वारा अपने सच्चिदानंद निराकार स्वरूप में लीन हो गए।

आज भी जिस भक्त की सच्ची श्रद्धा भक्ति समर्पण और विश्वास है वे अनेको भक्तजन ब्रह्मऋषि गीतानन्द जी का मार्ग दर्शन तथा मनवांछित फल प्राप्त कर रहे हैं। आज भी गुरु भगवान अपने सच्चे भक्तों का पालन और इच्छा पूर्ति कर रहे हैं। जरूरत है तो केवल सच्ची श्रद्धा भक्ति और विश्वास की।

बसंत पंचमी के दिन ही सन 1952 में ब्रह्मऋषि गीतानन्द जी ने शक्तिपीठ बाघोल मुक्ति धाम आश्रम की स्थापना की थी।

बसंत पंचमी का दिन ब्रह्मऋषि गीतानन्द जी के निर्वाण दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस दिन से प्रकृति नवीनता धारण करती है। नए रस का निर्माण होने लगता है। नए पुष्प व पत्ते आने का आरम्भ भी इसी दिन से होता है।

अतः आप भी बसंत पंचमी के दिन अपने अवगुणों को त्याग कर तथा सद्गुणों को धारण करते हुए, गुरु भगवान ब्रह्मऋषि गीतानन्द जी के बताए मार्ग का अनुसरण करें।

विश्वाश कीजिये आपके जीवन में भी सुखद नवीनता का आगमन हो जाएगा। आइये साथ मिलकर एक नए जीवन की शुरुवात करें और आत्मा को शुद्ध कर गुरु भगवान के कृपा पात्र बनें।।

काया से कारज करो, मन से भज करतार।

गीतानन्द भव सिंधु से, तरते लगे न वार।।

आप तथा आपके परिवार का मंगल हो। सभी में प्रेम तथा सद्भाव बना रहे। आपका जीवन भी प्रकृति की भाँति ही महक उठे, ऐसी बसंत पंचमी पर हमारी कामना है।

शुभेच्छु

ब्रह्मऋषि गीतानन्द आश्रम।

 

Special on the occasion of Basant Panchami

on 28 January 1971

Guru Bhagwan Brahma Rishi Geetanand ji called his disciples and said :-

Now I will soon be buried, but I will always be present with a subtle body and will surely meet the one who meets me, that is, I will be found in the same form of faith.

Apart from this, whoever has true devotion will definitely get the desired fruit. There is no doubt about it.

We don’t need a crowd, even if only one devotee comes in the ashram, that devotion should be completed.

Where the devotees hold their feet, I will hold my hand.

Let me roam around, never leave me. ।

And so on 29 January 1971, Guru Bhagwan Brahma Rishi Geetanand ji showers knowledge, quietness, devotion, yoga, abundance, happiness, peace and desired fruits at 5:30 pm by Guru Bhagwan Brahma Rishi Geetanand ji by Yoga Samadhi in his Sachchidanand formless form of Yoga Samadhi. I got leaned in.

Even today, the devotee whose true devotion, devotion, dedication and faith is getting the path of the devotees of Brahma Rishi Geetanand ji and the desired fruit. Even today, Guru Bhagwan is following and fulfilling his true devotees. Only true devotion and faith is needed.

On the day of Basant Panchami in 1952, Brahma Rishi Geetanand ji established Shaktipeeth Baghol Mukti Dham Ashram.

The day of Basant Panchami is celebrated as the Nirvana Day of Brahma Rishi Geetanand ji. From this day on, nature wears innovation. New juice starts to be built. New flowers and leaves begin from this day.

So, on the day of Basant Panchami, you should also follow the path of Guru Bhagwan Brahma Rishi Geetanand ji by sacrificing your demerits and attaining virtues.

Believe that pleasant innovation will come in your life too. Let’s start a new life together and purify the soul and be blessed by Guru God. ।

Do work with body, bhaj kartar from heart.

Geetanand Bhav Sindhu, don’t get attacks. ।

May you and your family be blessed. May love and harmony remain in all. May your life also be fragrant like nature, this is our wish on Basant Panchami.

Good luck

Brahma Rishi Geetananda Ashram.